खोखरा हनुमान मंदिर, मोरबी
01/05/2025
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मोरबी, गुजरात में स्थित खोखरा हनुमान मंदिर श्रद्धा और आस्था का एक पवित्र स्थान है। यह मंदिर अपने 108 फीट ऊँचे भगवान हनुमान की प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है, जो सभी भक्तों को आशीर्वाद देती है। यह स्थान परम पूज्य केशवानंद बापूजी की आध्यात्मिक भूमि के रूप में जाना जाता है।

खोखरा हनुमान मंदिर, जो मोरबी, गुजरात में स्थित है, आस्था और भक्ति का एक पवित्र स्थल है। यह मंदिर भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ 108 फीट ऊँची भगवान हनुमान की प्रतिमा स्थापित है, जो यहाँ आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करती है।
मंदिर का वातावरण एवं महत्व
खोखरा हनुमान मंदिर एक पवित्र तीर्थस्थल है, जो अपनी शांति और आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है। भक्त बड़ी संख्या में यहाँ हर मंगलवार और शनिवार को आयोजित विशेष आरती में भाग लेते हैं और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिर विशेष रूप से हनुमान जयंती और मकर संक्रांति के दौरान भक्ति भजन, पारंपरिक हिंदू अनुष्ठानों और प्रसाद वितरण के साथ जीवंत हो जाता है। यहाँ का हरा-भरा मंदिर परिसर ध्यान और भजन-कीर्तन के लिए आदर्श स्थान है। चाहे आप हनुमान जी के भक्त हों या आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उपचार की तलाश में हों, यह मंदिर आपके लिए एक दिव्य स्थल के रूप में कार्य करता है।
केशवानंद बापूजी
परम पूज्य संत श्री केशवानंद बापूजी मोरबी, गुजरात के एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु और संत थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भक्ति और ध्यान में समर्पित किया और मोरबी में एक आश्रम की स्थापना की, जो आध्यात्मिक गतिविधियों और सामुदायिक सभाओं का केंद्र बना। आश्रम की शांतिपूर्ण वातावरण के कारण यह भक्तों के लिए आध्यात्मिक शरणस्थली बन गया।
उनके योगदान के सम्मान में 108 फीट ऊँची भगवान हनुमान की प्रतिमा उनके आश्रम में स्थापित की गई। यह प्रतिमा ‘हनुमानजी चार धाम’ परियोजना का एक हिस्सा है, जिसके तहत भारत के चारों दिशाओं में विशाल हनुमान प्रतिमाएँ स्थापित की जा रही हैं। मोरबी की यह प्रतिमा पश्चिम दिशा का प्रतिनिधित्व करती है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हनुमान जयंती के अवसर पर उद्घाटित किया गया था।

केशवानंद बापूजी की शिक्षाएँ और उनकी विरासत आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। उनका आश्रम गुजरात में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थल बना हुआ है।


