स्वंभू नरीचणिया हनुमानजी मंदिर, धांगध्रा

post date : 14/05/2025

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गुजरात के सुरेन्द्रनगर जिले का नरीचणिया गाँव, धांगध्रा के पास स्थित, एक विशेष आध्यात्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहाँ स्थित स्वंभू नरीचणिया हनुमानजी मंदिर भक्ति, चमत्कार और अनन्य श्रद्धा का प्रतीक है। 750 साल पुराना इतिहास और भादरवा सुद बीज के विशाल मेले के साथ जुड़ा यह पवित्र स्थान हजारों श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करता है।

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इतिहास

स्वंभू नरीचणिया हनुमानजी मंदिर , धांगध्रा के पास स्थित नरीचणिया गाँव में स्थित है। मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना लगभग 750 साल पहले हुई थी। भादरवा सुद बीज के पवित्र दिन पर, एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था। हल चलाते समय अचानक ज़मीन में कोई कठोर वस्तु टकराई। किसान ने जब देखा तो मिट्टी के घड़े में हनुमानजी की एक छोटी मूर्ति मिली। इस अद्भुत घटना से पूरे गाँव में भक्ति की लहर दौड़ पड़ी और इस मूर्ति को नरीचणिया गाँव के एक छोटे मंदिर में स्थापित किया गया।

वर्षों के दौरान, चावल के दाने जितनी छोटी मूर्ति धीरे-धीरे बड़ी होती गई। इस अद्भुत घटना ने लोगों की आस्था को और मजबूत किया और अंततः एक भव्य हनुमानजी मंदिर का निर्माण किया गया।

विशेषताएँ और परंपराएँ

1] मेला और दर्शन :

भादरवा सुद बीज के मेले के दौरान लाखों भक्त हनुमानजी के दर्शन करने आते हैं। इस मेले में भक्ति और एकता को प्रदर्शित करती विशाल भीड़ देखी जाती है।

2] स्वयंसेवक संचालन :

यह मंदिर किसी भी ट्रस्ट या संस्था द्वारा संचालित नहीं है; यह केवल स्वयंसेवकों द्वारा संचालित होता है। प्रसाद वितरण से लेकर मंदिर की सफाई तक, सभी कार्य स्वयंसेवकों की भक्ति भावना से पूर्ण किए जाते हैं।

3] प्रसाद और व्यवस्था :

प्रतिदिन लगभग 200-300 श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद का वितरण किया जाता है। मंदिर परिसर में यात्रियों के ठहरने और सुविधाओं की पूरी व्यवस्था है।

narichaniya hanumanji

अद्भुत मूर्ति: स्वंभू हनुमानजी की मूर्ति, जो वर्षों से अपने आकार में वृद्धि करती रही है, एक चमत्कार मानी जाती है। शांति और आध्यात्मिक अनुभव: मंदिर में प्रवेश करते ही भक्तों को एक अनोखी शांति और आध्यात्मिक अनुभव का आभास होता है। भादरवा सुद बीज का मेला: इस वार्षिक मेले में देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु आते हैं, जो भक्ति और विश्वास की अभिव्यक्ति करते हैं।

स्वंभू नरीचणिया हनुमानजी मंदिर भक्ति, चमत्कार और समाज की एकता का प्रतीक है। हर साल आयोजित होने वाले भादरवा सुद बीज के मेले में हजारों भक्त एकत्र होते हैं और हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। स्वयंसेवकों द्वारा संचालित यह मंदिर एकता और भक्ति का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस पवित्र स्थल की यात्रा केवल आध्यात्मिक शांति ही नहीं, बल्कि लोकविश्वास और चमत्कार का एक अनोखा अनुभव भी प्रदान करती है। अगर आप शांति, आशीर्वाद और एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव चाहते हैं, तो स्वंभू नरीचणिया हनुमानजी मंदिर की एक बार अवश्य यात्रा करें।

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