ओसम डूंगर पाटनवाव
28/05/2025
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ओसम डूंगर गुजरात के जूनागढ़ जिले के पाटनवाव गांव के पास स्थित एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यह पहाड़ी न केवल प्रकृति प्रेमी यात्रियों के लिए बल्कि आध्यात्मिक शांति की खोज में लगे भक्तों के लिए भी एक पवित्र तपोभूमि है। यहाँ कई शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, भादरजी और स्थानीय देवस्थान स्थित हैं। श्रावण मास और महाशिवरात्रि के दौरान यहाँ हजारों भक्त आते हैं।

ओसम डूंगर की खास पहचान यह है कि इसका संबंध रामायण काल से भी जुड़ा हुआ है। स्थानीय लोक कथाओं और संतों के अनुसार: त्रेतायुग के दौरान भगवान राम के समय यहाँ ऋषि-मुनि तपस्या के लिए आते थे। यात्रियों का कहना है कि ओसम डूंगर पर हनुमानजी भी मौजूद थे और उनके पदचिन्ह जैसे निशान आज भी पहाड़ी के पत्थरों पर देखे जा सकते हैं। मान्यता है कि भगीरथ राजा ने यहाँ तपस्या की थी ताकि गंगा को पृथ्वी पर लाया जा सके।
ऐसी लोक विश्वास ओसम डूंगर को केवल एक सामान्य पहाड़ी नहीं, बल्कि भगवान राम और उनके भक्तों से जुड़ी भूमि बनाते हैं। यहाँ तपस्या करने वाले ऋषियों ने इस स्थान को पवित्र बनाया है, जिसे आज भी साधु-संत संजो कर रखते हैं।
मुख्य मंदिर
शिव मंदिर (ओसम महादेव) : भगवान शिव का प्राचीन मंदिर जहां श्रावण मास में भक्त विशेष रुचि रखते हैं।
हनुमानजी मंदिर : यहाँ भक्त हनुमानजी के पदचिन्ह जैसे पत्थर और उनके आशीर्वाद को पूजा के लिए देखते हैं।
भादरजी मंदिर : स्थानीय देवता के रूप में भादरजी की पूजा होती है, विशेषकर त्योहारों के दिनों में।
अन्य देवस्थान : मार्ग के बीच और ऊपर के हिस्से में विभिन्न देवी-देवताओं के छोटे मंदिर हैं जहाँ यात्री पूजा करते हैं।
स्थान | ओसम डूंगर, पाटनवाव, जूनागढ़, गुजरात |
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आध्यात्मिक महत्व | हनुमानजी के पदचिन्ह, ऋषि-मुनियों का तपस्थल |
मुख्य मंदिर | ओसम महादेव मंदिर |
अन्य स्थान | हनुमानजी मंदिर, भादरजी धाम, राम पादुका, ऋषि गुफाएं |
ऐतिहासिक संदर्भ | मान्यता अनुसार, रामायण कालीन ऋषि-मुनियों ने यहाँ तपस्या की थी |
प्राकृतिक दृश्य | पर्वतीय मार्ग, हरियाली, शांत वातावरण |
यात्रा समय | श्रावण मास में हजारों भक्त पदयात्रा करते हैं |
प्राकृतिक सौंदर्य और शांति
ओसम डूंगर केवल धार्मिक नहीं बल्कि प्राकृतिक दृष्टि से भी अत्यंत आकर्षक है। पहाड़ी पर चढ़ते हुए यात्रियों को जंगल जैसी शांति का अनुभव होता है। पहाड़ी से आस-पास के गांव और खेतों का दृश्य बहुत ही शांत और प्रेरणादायक लगता है। खासकर बारिश के बाद यहां घनी हरियाली फैल जाती है और वातावरण शुद्ध एवं ठंडा रहता है।
यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव
हजारों यात्री यहाँ अपनी मानसिक शांति, तपस्या और उपवास यात्रा के लिए आते हैं। पैदल पहाड़ी चढ़कर मंदिर दर्शन करने से अलग ही आध्यात्मिक शांति मिलती है। श्रावण मास में बड़ी संख्या में भक्त आकर श्रावणी सोमवार की पूजा करते हैं।
भक्त मानते हैं कि यहाँ आकर मन से मांगी गई मनोकामनाएं शिवजी पूर्ण करते हैं। श्रद्धा और भक्ति से भरा वातावरण यात्री के मन को अत्यंत शांति प्रदान करता है।

ओसम डूंगर केवल एक पहाड़ी नहीं है — यह श्रद्धा का परम पवित्र तीर्थ है, जहाँ त्रेतायुग से शुरू हुई तपस्या आज भी धार्मिक भक्ति से जीवित है। रामायण काल से जुड़ा इतिहास, भगवान शिव और हनुमानजी के मंदिर, और शांत-हरियाली वाला वातावरण — ये सब मिलकर ओसम डूंगर को आध्यात्मिक यात्रा के लिए श्रेष्ठ स्थान बनाते हैं।


